भौतिक विज्ञान
विज्ञान की वह
शाखा है, जिसमें ऊर्जा के विभिन्न
स्वरूपों तथा द्रव्य से उसकी अन्योन्य क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। | सतत् वैज्ञानिक अध्ययनों से अब यह साबित हो चुका है कि
ब्रह्माण्ड द्रव्य और ऊर्जा से मिलकर बना है तथा वह प्रत्येक वस्तु जो स्थान घेरती
है, जिसमें भार होता है और जिसका
अनुभव हम अपनी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा कर सकते हैं, द्रव्य (matter) कहलाती है।
कुर्सी, लोटा, बाल्टी आदि जिस वस्तु, क्रमशः लकड़ी, पीतल, लोहा की बनी होती है, द्रव्य कहलाती हैं। इनमें भार होता है और स्थान घेरती हैं। वायु, जिसे न तो हम देख और न छू सकते हैं, किन्तु यह स्थान घेरती है और इसमें भार
होता है, उसका अनुभव अपनी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा कर सकते हैं, द्रव्य है। जिन वस्तुओं में भार (Weight) होता है, उनमें द्रव्यमान (Mass) होता है। किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को द्रव्यमान जबकि
किसी वस्तु पर पृथ्वी के लगाने वाले आकर्षण बल को भार कहते हैं। इसे W = mg सूत्र से प्रकट किया जाता है,
जहां m वस्तु का द्रव्यमान तथा g उस पर लगने वाला पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण है। किसी वस्तु का
द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर स्थिर रहता है जबकि भार, विभिन्न स्थानों पर g के मान में परिवर्तन होने के कारण
बदलता रहता है।
ऊर्जा, ब्रह्माण्ड का दूसरा महत्वपूर्ण अवयव
है। किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता ऊर्जा कहलाती है। प्रत्येक द्रव्य में एक
निश्चित ऊर्जा होती है। ऊर्जा के कारण ही द्रव्य में परिवर्तन होता है। उसमें न तो
भार होता है और न आकार किन्तु उसके प्रभाव का अनुभव हम अपनी ज्ञानेन्द्रियों
द्वारा कर सकते हैं। ऊर्जा के विभिन्न रूपों यथा ऊष्मा, प्रकाश, विद्युत, चुम्बकत्व, ध्वनि आदि को आपस में रूपांतरित किया जा सकता है। द्रव्यय तथा ऊर्जा
का विनाश नहीं होता और वे एक दूसरे से संबंधित रहते हैं। द्रव्यमान का ऊर्जा में
रूपांतरण आइन्सटीन के ऊर्जा-द्रव्यमान समीकरण E
= mc2 के अनुसार किया जा सकता है। यहां c = 3 x 108 मीटर/सेकण्ड प्रकाश का वेग है।
भौतिक विज्ञान की. शाखायें (Branches of Physics)
भौतिक विज्ञान का विस्तृत अध्ययन करने के लिये इसे विभिन्न शाखाओं
में विभाजित किया गया है। कुछ मुख्य शाखायें इस प्रकार हैं- (1) यांत्रिकी, (2) ऊष्मा, (3) ध्वनि, (4) प्रकाश, (5) चुम्बकत्व, (6) विद्युत, (7) आधुनिक भौतिकी, (8) परमाणु भौतिकी, (9) नाभिकीय भौतिकी, (10) विकिरण भौतिकी, (13) ऊर्जा भौतिकी, (12) ठोस अवस्था भौतिकी।
| भौतिकी एवं मानवता आज का मानव प्रगतिशील है। वह दिन-प्रतिदिन विकास
के नये-नये स्रोतों की | ओर अग्रसर है। इन सभी विकास के आयामों
में भौतिकी का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। आंखों में नजर के चश्में, कैलकुलेटर आदि भौतिकी की ही देन है। अन्य जीवनोपयोगी महत्वपूर्ण
आविष्कार जैसे रेडियो, रंगीन टेलीविजन, विद्युत इंजन, टेलीफोन, कृत्रिम उपग्रह, रंगीन फोटोग्राफी, सिनेमा, मौसम की पूर्व भविष्यवाणी, सौर चूल्हा, सौर बैटरी, चन्द्रमा व मंगल ग्रह की यात्रा,
लेसर किरणों द्वारा कैन्सर का उपचार, कम्प्यूटर रोबोट आदि ने निश्चित रूप से मानव को विकास के शिखर पर
पहुंचा दिया है। दूर-संचार के क्षेत्र में भी भौतिकी ने नई क्रांति ला दी है।
आप्टीकल फाइबर (Optical Fiber) व लेसर किरणों के उपयोग से हजारों
व्यक्ति एक लाइन पर, एक साथ बात कर सकेंगे। होलोग्राफी (Holography) के
सिद्धान्त के उपयोग से अब त्रिविम चित्रों (Three
dimentional picture) का
प्रक्षेपण भी सम्भव हो गया है।
भौतिकी के रचनात्मक स्वरूप के साथ-साथ
अब इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग भी हो रहा है। भौतिकी की सहायता से मानव ने
परमाणु बम, हाइड्रोजन बम, न्यूट्रॉन बम आदि घातक हथियार बना लिये
हैं, जिनकी सहायता से वह मानवता को मिटा सकता है। अतः सभी वैज्ञानिकों का
यही प्रथम प्रयास होना चाहिये कि भौतिकी का प्रयोग केवल मानव जाति को सुखी बनाने
में ही किया जाये, उसको नष्ट करने में नहीं।
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